डॉ. अल्पना मिश्र

अल्पना मिश्र हिंदी साहित्य की समकालीन कथाकार के रूप में उभर कर आतीं हैं। मैम ने हिंदी विषय से स्नातक और परास्नातक की शिक्षा गोरखपुर विश्वविद्यालय से तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।

वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य, आधुनिक कविता, आधुनिक गद्य साहित्य, भाषा विज्ञान, भारतीय एवं पाश्चात्य काव्यशास्त्र, हिंदी साहित्य का इतिहास इत्यादि विषयों पर व्याख्यान देतीं हैं ।

मैम को कई सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है…

शैलेश मटियानी स्मृति सम्मान,
परिवेश सम्मान
रचनाकार सम्मान
शक्ति सम्मान
प्रेमचंद स्मृति कथा सम्मान
वनमाली कथा सम्मान

डॉ. अल्पना मिश्र (एक परिचय) साहित्य जन मंथन

विशेषज्ञता:- कथा साहित्य और आधुनिक कविता

मैम की पुस्तकें भीतर का वक्त, छावनी में बेघर, कब्र भी कैद औ जंजीरें भी इनके प्रकाशित कहानी संग्रह हैं तथा स्याही में सुर्खाब के पंख और अनिहारे तलछट में चमका दो उपन्यास पाठकों के समक्ष आ चुके हैं इसके साथ ही इन्होंने आलोचनात्मक पुस्तकें भी लिखी जिनमें स्त्री कथा के पांच स्वर, स्वातंत्र्योत्तर कविता और रामदरश मिश्र का काव्य वैशिष्ट्य प्रमुख हैं।

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