इश्क और वीडियो कॉल

इश्क और वीडियो कॉल साहित्य जन मंथन

सुनो तुम्हारी आवाज़ मंदिर की घण्टियों सी है…दूसरे शहर में , लोअर टीशर्ट डाले , मुनासिब डील डौल और खुश शक्ल लड़के ने मोबाइल कानों पर लगाए हुए दूर बन्द कमरे की खिड़की के पेंट को नाखूनों से खुरचती लड़की से कहा।

लड़की की कान की लवें, तप उठीं उस आवाज़ पर, जो फोन पर थी, दिल धड़क धड़क कर सीने से बाहर आने को था। मंदिर की घण्टियाँ, और उसकी आवाज़ , भला क्या मेल था दोनों में, मगर लड़के की मोहब्बत में बसी पाकीजगी ने लड़की की घनी पलकों को नम कर दिया।

छह महीने से दोनों एक दूसरे की मोहब्बत के मरीज थे….अभी तक मिलना न तो उन्हें नसीब हुआ था और न ही मिलने की ख्वाहिश ने उनकी साँसों की आवाज़ , खिलखिलाती हँसी, धड़कनों के शोर वाली मोहब्बत में दखल दिया था।

अक्सर दोनों रात को ही बात करते, या यूं कहा जाए कि उनकी रूहानी दुनिया मे रात की तारीकी ही रोशनी बिखेरती थी, जब वो लड़की उस लड़के के लिए किसी अलग जहान की नाज़ुक शहज़ादी होती थी , और वो लड़का उस लड़की के लिए उसका सायबान, उसकी छांव , उसका अटूट यकीन या उसका आईना……

दोनों कच्चे मानस बड़े हो रहे थे अहसास अहसास जोड़ कर। ममता , हिफाज़त, मोहब्बत घुल रही थी दोनों में…..दोनों को खबर हो रही थी कि एक दूसरे के जरिये कि उन दोनों के भाई बहन अपनी निजी जिंदगी में किन किन तकलीफों से गुजरते होंगे…..

खूबसूरत था सब ……कौतूहल से परे…एक सीध में समर्पित साधु की तपस्या सा

पर होनी को कौन टाल सकता है भला
एक दिन कौतूहल का संसार उनके पांवों के नीचे आ गया।

सुनो न , मैं तुम्हे देखना चाहता हूं , अब वीडियो कॉल भी हो सकती है ….. मैं भी तो देखूं , जो इतनी खूबसूरत आवाज़ की मालकिन है वो खुद कितनी खूबसूरत होगी।
लड़की पहले पहल घबराई………

सोचा वीडियो कॉल की क्या जरूरत……
और फिर आवाज़ खूबसूरत तो कोयल की भी होती है , उसे कौन खूबसूरत कहता है , यूँ मैं खूबसूरत ही हूँ मगर देखने की ख्वाहिश में खूबसूरत प्रेमिका का ही तसव्वुर क्यों …..जो मैं खूबसूरत न होती तो पहली वीडियो कॉल के बाद ही मुझे अस्वीकार कर दिया जाता।

हेलो….हेलो….अरे क्या सोच रही है मेरी बाबू, लड़के की आवाज़ में मोहब्बत और ममता का ऐसा साज बजा कि लड़की खुद की अक्ल पर मातम कर बैठी “, भला क्या गलत है, देखना चाहता है मुझे बात करते हुए , और फिर मुझमे कोई खामी तो नही , अच्छी भली गोरी चिट्टी हूँ “।

हम वीडियो कॉल पर ही मिलेंगे कल , लड़की ने , शरमाते झिझकते , अपने अंतर्मन में उपजे अपने शहजादे को देखने के कौतूहल को छिपाते हुए लड़के को जानकारी दी तो बाइस बरस का जवान प्रेमी खिल उठा ।

लड़की के पांव जमीन पर होते हुए भी नही थे…. अलमारी भर कपड़े नामुनासिब लगने लगे…..किसी का रंग खट्टा लगने लगा तो किसी की कशीदाकारी फूहड़ साबित हो गयी ।
फिर सोचा फिल्मों में जब भी हीरोइन को खूबसूरत लोकेशन से भी ज्यादा खूबसूरत दिखाना होता है तो हुचक के सफेद झीनी साड़ी के नीचे सफेद सितारों वाली चोली पहना देते हैं, या हीरोइन अल्हड़ कमसिन या कच्ची हुई तो ओवर साइज़ सफेद मगर झीनी ही सेमी बॉयज शर्ट पहना देते हैं।

लड़की के पास सफेद शर्ट थी, मगर ठीक ठाक कॉटन थी । ऊपर से कमरे में अलमारी , बुक्स , ट्रॉफीज, के साथ भला सूती कमीज भला क्या अच्छी लगती।

लड़की को याद आयी ऐसे में चांदनी की श्री देवी…..
सफेद सलवार कुरता और सफेद चूड़ियों के साथ मोतियों की माला और खुले बाल हर हिंदुस्तानी संस्कारी जवान लड़के की प्राथमिक, सांसारिक सामाजिक और बुजुर्गों की बताई गई कमजोरी रहे हैं ।
भरे पूरे ब्याह में मेकअप से लदी फुन्दी लड़कियों से तपे हुए पुरुष नेत्र अगर किसी सफ़ेद ड्रेस वाली लड़की पर पड़ते हैं तो धरा रुक रुक जाती है , अम्बर झुक झुक आता है और सादगी के नाम पर फाउंडेशन कंसीलर पर नेचुरल पिंक लिपस्टिक और सरेशाम धोकर कंडीशनर लगे , बिखरे बालों वाली लड़की बाजी मार ले जाती है ।

तो हमारी कहानी की लड़की ने भी ऐसा ही हल्का हल्का मेकअप किया और सफेद दूधिया सलवार कुरते में जब वीडियो कॉल एक्सेप्ट किया तो लड़का देखता ही रह गया………
उसकी खुद पर टिकी , बेसुध निगाहें , लड़की को आश्वस्त कर गयीं कि वो हूर लग रही है । मगर सफेद चूड़ियों वाले हाथ से बालों को कान के पीछे उड़सते , अनजान बनते हुए बोली “,ऐसे क्या देख रहे हो”

लड़का हलक तक लड़की की सादगी और हुस्न में डूबे हुए बोला “, मैं कितना खुशकिस्मत हूँ, दुनिया की सबसे पाकीजा लड़की मेरे नसीब में है”!

इस झूठे से झूठ पर लड़की सच मे भर आयी। उसकी बड़ी बड़ी आँखों में तैरते खुशी के आँसू
दुधमुंहे बच्चे की भूख से सच्चे थे।

“पगली, इधर देखो,” लड़के ने लड़की को आवाज़ दी, और लड़की बस सम्मोहित सी लड़के की आवाज़ के साथ बंधी बहुत दूर तक चलती गयी!
पहली मुलाकात यूँ ही थी.. बच्चे की तोतली बोली सी.. जून की रात की ठंडी चाँद रात सी… मोती के झुमके को छूकर हिलाती हवा सी।

मोहब्बत अब भी उनके बीच उसी ठसक से थी । मगर दो पलड़े हो गए थे, अब ठसक से सवाल भी आता था , वीडियो कब करोगी….. वीडियो कब करोगी……सुनो न , बहुत दिल चाह रहा है।

अनगिनत वीडियो कॉल्स कर बाद अब हर बार चांदनी, नूरी , सोहनी, हीर लगने का आदिम काल से चला आ रहा प्रेशर भी चला गया।
हां कॉल से पहले लिपस्टिक जरूर लगाती……… बांधे रखने को रस्सी जरुरी जो होती है।
लद गए वो जमाने सदियों पहले जब लड़के , लड़कियों के होंठों का रसमयी रंगमयी रतिमयी होने से अनजान थे।

ओवर साइज़ टीशर्ट में , पीरियड्स की थकान और दर्द से अलसाई कुम्हलाई लड़की अधलेटी सी बात कर रही थी। लड़के की नज़र , बेईरादा खुली रह गयी टी शर्ट की बटन पर रह रह कर जा रही थी…… शॉर्ट्स में आराम था महीने के दिनों में तो टांगें भी नंगी ही थीं जांघों से नीचे।

तुम्हारी टांगें कितनी चिकनी हैं…… लड़के ने बताया, इतराती हुई लड़की बोली और पता है मैं वैक्स भी नही करती…….
तुम्हारा पीरियड चल रहा है बाबू काश मैं तुम्हारे पास होता ………. तुम्हारे पांव दबाता ……. तुम्हारा नैपकिन मैं खुद चेंज करता…… लड़की अपने प्रेमी की फिक्र पर बेमोल लुट गयी।
मेरा बच्चा सो जा, तू , लड़के ने फिक्र में इजाफा करते हुए कहा तो लड़की ने मन ही मन दुआ की कि कभी उसका साथी उससे दूर न हो।

तारीफ की चाह, लफ़्ज़ों का तिलिस्म बड़ा बारीक होता है , बड़े बड़े नही बच पाते वो तो महज एक लड़की थी…… नंगी टांगों की तारीफ , अपने प्रेमी से सुनने की ख्वाहिश ज़ोर पकड़ने लगी……और वीडियो के दौरान , छोटा सा काला शॉर्ट्स पहना…… ऊपर रेड , स्प्रेगिटी।
ज्यादा कुछ और करने की जरूरत ही नही पड़ी।

“तुम जितनी सादा हो उतनी ही तीखी भी, उफ़्फ़ इस शॉर्ट्स में ऐसा लग रहा है जैसे नज़र तक फिसल जाएगी, भरपूर तरीके से फिल्मी होते हुए लड़के ने लंबी ठंडी आह और सांस भरी।

लड़की को अब उसके हाल पर मज़ा आ रहा था और खुद थोड़ी मगरूर हो रही थी।
सोच रही थी मैं सादगी में भी अव्वल और शोखी में भी, तो भला क्यों ही मुझे खतरा बेवफाई का।

अब हुआ यूं कि वीडियो कॉल्स में लड़की छोटे कपड़े ही पहनती…… जिस्म का जो हिस्सा नुमायां होता, उसे होने देती क्योंकि उसे यकीन था वो अपने उस साथी के साथ है जो उसकी तकलीफ़ उसका दर्द समझता है । जो दर्द समझे , उसे तो हक है पूरा ।

एक दिन लड़के ने यूँ ही किसी हॉलीवुड स्टार की तस्वीर दिखाई …… जिस पर उसे क्रश था कभी।
लड़की ने तस्वीर देखी…… तराश खराश का बाक़ायदा कयामत ख़ेज़ मजस्समा। सांचे में ढला फिरंगी चेहरा , प्यासी उर्वशी से अधखुले होंठ,
पतली , लचकती सी गर्दन के नीचे ,हाइलाइट किया गया कॉलर बोन , क्रोशिया के अधोवस्त्र में सीने के दोनों ओर गोलाई में सधा माँस , और उसके नीचे शुरू होते एब्स और क्रैक लाइन और नाभि पर लगी रिंग में फंसा मोती।
गुप्तदर्शना, लाल कीमती चीथड़े से ढकी होने के बावजूद भी खूब नुमायां हो रही थी।

लड़की ने अपनी सौतन को देखा तो डाह से भुन उठी मगर कोई पिछड़े दिमाग की तो थी नही जो जलन कुढ़न के मारे चेहरे का रंग बदलने देती, सो कह दिया “,वाक़ई बहुत खूबसूरत है”
तुरत फुरत मौका कैश हुआ और लड़के ने पूरा दरिया दिल उलीच दिया लड़की पर,” मुझे तुम पसंद हो….. ये तो बस यूं ही……. पर अगर मुझपर यकीन हो तो क्या तुम मेरे लिए, मेरी मोहब्बत के लिए , एक बार ………… कपड़े उतार सकती हो? देखो तुम मेरी हो…….. हो न??
शब्द जाल मज़बूत था, मगर लड़की उलझने के बजाय मोहब्बत को परख कर ही कदम उठाना चाहती थी।
हां, मैं तुम्हारे लिए सर से पांव तक बिना कपड़ों के आउंगी………… ट्रस्ट मी।
लड़का खुश हो उठा।
……पर…….क्या तुम बर्दाश्त करोगे कि तुम्हारी बहन से भी उसका प्रेमी ऐसी ही ख्वाहिश जताए, जितना यकीन तुम मुझे खुद पर करने को कह रहे हो, क्या उतना यकीन अपनी बहन को उसके प्रेमी पर करने दोगे??

………लड़का , आक्रोशित होते होते रुक गया और बिना एक शब्द की अदला बदली के वीडियो कट हो गया।

अनु वर्मा

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *