क्या होगा भयानक दृश्य वहां
वीरों ने गवाये प्राण जहां
कतरा कतरा था खून गिरा
थम गया समय ही पल में वहां
चल रहे लोग चलतीं गाड़ी
हुआ रक्त तेज रुक गयीं नाड़ी
झकझोर दिया इस हमले ने
देखें रस्ता घर माँ ठाढ़ी
थी उम्र अभी बचपने की
कुरबानी दे दी सपनों की
वो गया देश रक्षा हित में
आ बाहों में लेटा अपनों की
एक पिता की लाठी टूट गयी
एक माँ ठाढ़ी जो रुठ गयी
बहना की डोली उठने से पहले
उसकी जिंदगी थी छूट गयी
पत्नी अब तक है सदमे में
बच्चे बिलखें सब अपने में
है भयभीत कलम मेरी लिखने को
जैसे हुआ है ये सब सपने में
… पवन कुमार